रायपुर। कोरोना की दूसरी लहर के साथ, एक बार फिर अस्पतालों को होटल बनाने की तैयारी शुरू हो गई है। स्वास्थ्य विभाग ने पिछली बार ऐसी सुविधाओं की पेशकश करने वाले होटलों को सूचीबद्ध करना शुरू कर दिया है। विभागीय अधिकारियों को किराया तय करने की जिम्मेदारी दी गई है, क्योंकि होटल प्रबंधन मरीजों से अधिक वसूली नहीं कर सकता था। पिछली बार कोरोना के दौरान सरकारी और निजी अस्पताल भरे हुए थे, जिसके बाद होटलों को मरीजों को आइसोलेशन सेंटर उपलब्ध करवाए गए थे। हालांकि, उस दौरान होटलों में इलाज के नाम पर निजी अस्पतालों द्वारा लाखों रुपये की वसूली की शिकायतें आम हो गई थीं। स्वास्थ्य विभाग ने पुराने अनुभव के आधार पर होटल के कमरे के किराये को निर्धारित करने की पहल की है, जिससे निजी अस्पताल इलाज के बिल में ज्यादा इजाफा नहीं कर पाएंगे। पिछली बार एक दर्जन होटलों ने इस पर सहमति जताई थी, इस बार इसमें शामिल करने के लिए और अधिक होटल सूचीबद्ध किए जा रहे हैं। माना जा रहा है कि अप्रैल की शुरुआत से यह सुविधा मरीजों को दी जा सकती है। वर्तमान में, 80 प्रतिशत मरीज जो कोरोना संक्रमित होते हैं, वे घर पर इलाज कराने का निर्णय लेते हैं। इसलिए, दूसरी पारी के दौरान कोविद राहत केंद्र बनाने की कोरोना की योजना पर विचार नहीं किया जा रहा है। स्वास्थ्य विभाग के सूत्रों के अनुसार, पिछली बार कोविद केंद्रों की व्यवस्था में बड़ी राशि खर्च की गई थी, जिसकी गणना अभी तक अधिकारी नहीं कर पाए हैं।
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