खरीदी केंद्रों में भरा पानी, बारिश में बर्बाद हो गई किसान की मेहनत
बेमौसम बारिश का कहर- खरीदी केन्द्रों में परिवहन न होने से धान बारिश में भीगी, अन्नदाता हैरान-परेशान
सिहोरा/मझौली
अचानक बदला मौसम एक बार फिर अन्नदाता पर कहर बनकर टूटा बेमौसम बारिश से जहां खरीदी केंद्रों में पानी भर गया, वहीँ तोल के बाद एवं तोल के लिए खुले में रखी हजारों क्विंटल धान गीली हो गई।
शनिवार रात से तेज बारिश शुरू हो गई, रविवार पूरे दिन बारिश का दौर चलता रहा। खरीदी केंद्रों में उपज की सुरक्षा के इंतजाम नही होने बारिश का पानी भरने से खुले में रखा किसानों का हजारो क्विटल धान पानी में बुरी तरह भीग गई। किसान उपज बचाने तिरपाल और दूसरी इंतजाम में लगे रहे, लेकिन फिर भी उपज को नही बचा पाए।
धान बर्बाद होने की मुख्य वजह परिवहन की धीमी गति
जानकारी के मुताबिक सिहोरा और मझौली तहसील में करीब 3 दर्जन से अधिक खरीदी केंद्रों में धान की खरीदी का काम चल रहा है। परिवहन को लेकर शासन ने अधिकतर खरीदी केंद्र वेयरहाउस में बनाए थे। अधिकतर वेयरहाउस खेत में बने बारिश का पानी खेतों में पहुंचते हैं खरीदी केंद्रों में कीचड़ मच गया। खुले में रखी किसानों की हजारों क्विंटल धान बारिश की भेंट चढ़ गई। सबसे ज्यादा खराब स्थिति मझौली तहसील के धान खरीदी केंद्रों में देखने को मिली यहां पर परिवहन का काम थप्पड़ होने के कारण बोरों में रखी धान बारिश में पूरी तरह गीली हो गई।
इन खरीदी केंद्रों में सबसे ज्यादा खराब स्थिति
जानकारी के मुताबिक सिहोरा तहसील के बंदरकोला ओपन कैप, लालपुरा ओपन कैप, गौरव वेयर हाउस धनारी वेयरहाउस लखनपुर खरीदी केंद्र, मां नर्मदा वेयरहाउस बरगी खरीदी केंद्र, सहित करीब दो दर्जन खरीदी केंद्रों में बारिश के चलते किसानों की धान तुलाई के लिए रखी थी। बारिश के चलते पूरी तरह भीग गई।
बारिश से धान को बचाने की कोशिश पूरी तरह रही विफल
खरीदी केंद्रों में रखी किसान की धान को बचाने के लिए अन्नदाता तिरपाल और दूसरे संसाधनों से लगे रहे, लेकिन उनकी यह कोशिश पूरी तरह विफल हो गई तेज बारिश और आंधी के चलते कई जगह तो त्रिपाल ही उड़ गई। किसान अपनी मेहनत को अपनी आंखों के सामने मिट्टी में मिलता देखता रहा
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प्रशांत बाजपेई