मस्तूरी ।सोमवार को महिलाओं ने अपने पति की लंबी उम्र के लिए व स्वास्थ्य की कामना को लेकर व्रत रखकर वट वृक्ष की पूजा अर्चना किये । वट सावित्री पर्व गांव-गांव में बरसाइत पूजा के नाम से प्रचलित है। इस दिन महिलाएं अपने पति की दीर्घायु की कामना को लेकर वृत रखती है।महिलाएं सोलह श्रृंगार कर थाली में सोलह श्रंगार की पूजा सामग्री लिए प्रातः काल से ही वटवृक्ष के पास एकत्रित होना शुरू कर दिये थे। जहां पर काफी संख्या में पहुंचे महिलाएं अपने सुहाग की चिरायु व स्वास्थ्य की कामना को लेकर विधिवत रूप से सुहाग की रक्षा व लंबी उम्र की कामना करती हुई वट वृक्ष में कच्चा मौली धागा सुत्र बांधकर 108 बार परिक्रमा किये । सोमवार को अमावस्या की चलते महिलाओं ने पीपल के वृक्ष की भी पूजा अर्चना किये । सूरज की आंख मिचौली और धुप बदली मौसम के चलते महिलाओं में धैर्य बना रहा ।
यह पूजा मस्तूरी -किरारी सहित आसपास के गांव कस्बों में भी महिलाओ ने वट वृक्ष की पूजा अर्चना किये । इस दिन सुहागनें पूजा के पश्चात कुंवारी कन्याओं को सोलह श्रृंगार सामग्री व प्रसाद दान किए।निर्जला व्रत रखने वाली सुहागिने पूजा उपरांत घर लौट कर अपने पति को प्रसाद खिलाकर व स्वयं फलाहारी प्रसाद ग्रहण कर व्रत तोड़ी।