सिहोरा के रमखिरिया गांव में बरने नदी पर चार साल पहले बह गया था पुल
जान जोखिम में डालकर स्कूल पहुंचने की मजबूरी
सिहोरा
जनपद पंचायत सिहोरा के कटरा - रमखिरिया मार्ग से बरने नदी के टूटे पुल से जान जोखिम में डालकर छात्र-छात्राएं स्कूल पहुंचने को मजबूर हैं। यहां यही स्थिति करीब चार सालों से बनी हुई है। बारिश होते में पानी की रफ्तार बहुत तेज हो जाती है, आसपास के ग्रामीण क्षेत्रों के छात्र छात्राओं के लिए स्कूल पहुंचने का यही एक रास्ता है। निर्वाचित जनप्रतिनिधि ग्रामीण क्षेत्र के विकास के लिए बातें तो बड़ी-बड़ी करते हैं लेकिन हकीकत में स्थितियां बिल्कुल अलग है।
सिहोरा तहसील के अंतर्गत कटरा-रमखरिया गांव मार्ग पर बरने नदी पर बना पुल तेज बारिश होने के कारण वर्ष 2019 में बह गया था। तब से वह बना नहीं पाया। टूटे पुल के बीच लोगों ने चार बरसात निकाल दी। यहां पानी का बहाव बहुत तेज होता है।
अब लोगों को इंतजार है कि ग्रामीण यांत्रिकी सेवा (आरईएस) इस पुल को बनाएगी। ताकि बारिश में उत्पन्न होने वाला यह खतरा टल सके। इस पुल का भूमिपूजन अप्रेल में हो गया था। जून से निर्माण होना था लेकिन अब तक कोई काम नहीं हुआ। जबकि टेंडर पहले हो चुका था ।
यह गांव जुड़े हैं
कटरा, रमखिरिया, सिमरिया, मानगांव, पंचकुंडी, घुटना, पौड़ी सहित डेढ़ दर्जन से अधिक गांव के लोगों की आवाजाही होती है।
डेढ़ करोड़ से ज्यादा लागत
इस पुल के निर्माण की मांग लंबे समय से ग्रामीण इलाकों के लोग कर रहे हैं। ऐसे में आरईएस ने पुल के निर्माण के लिए करीब सवा करोड़ रुपए की राशि स्वीकृत की है। इस सीजन में तो यह काम शुरू भी नहीं हो सका।