रायगढ़। रायगढ़ जिले में ग्राम पंचायत पाकरगांव के सचिव जयपाल सिदार की गुमशुदगी के मामले में चौंकाने वाला खुलासा हुआ है। पुलिस ने जांच के बाद इसे सुनियोजित हत्या करार दिया है। इस हत्या की गुत्थी को सुलझाते हुए पुलिस ने तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया है, जबकि मुख्य साजिशकर्ता शिव साहू पहले से ही एक अन्य हत्या के मामले में जेल में बंद है। जयपाल सिदार 7 जुलाई को अपनी स्विफ्ट डिजायर कार (CG12 BA 6453) से बच्चों को स्कूल छोड़ने के बाद लापता हो गए थे। परिजनों ने 8 जुलाई को लैलूंगा थाना में गुम इंसान क्रमांक 46/2025 के तहत रिपोर्ट दर्ज कराई थी। जब कई दिन तक कोई सुराग नहीं मिला, तो पुलिस अधीक्षक श्री दिव्यांग कुमार पटेल ने मामले को गंभीरता से लेते हुए सीएसपी अनिल विश्वकर्मा, साइबर सेल, तथा लैलूंगा और धरमजयगढ़ पुलिस की संयुक्त टीम गठित की।
टीम ने मोबाइल लोकेशन, सीसीटीवी फुटेज, कॉल डिटेल और अन्य इलेक्ट्रॉनिक साक्ष्यों के विश्लेषण के साथ जांच को गति दी। इसी दौरान तीन संदिग्ध युवकों – शुभम गुप्ता, कमलेश यादव और मदन गोपाल सिदार की गतिविधियाँ पुलिस को संदेहास्पद लगीं। पूछताछ के दौरान शुभम गुप्ता ने पुलिस को सनसनीखेज जानकारी दी। उसने बताया कि रायगढ़ के फुटहामुड़ा निवासी शिव साहू, जो कि पहले से एक हत्या के मामले में थाना सरिया से जेल में बंद है, ने उसे जयपाल सिदार की हत्या के लिए ₹1 करोड़ देने की पेशकश की थी। शिव साहू ने पेरोल पर बाहर आकर यह प्रस्ताव दिया था। शुभम ने प्रस्ताव स्वीकार किया और जून माह में हत्या की योजना तैयार की गई। 3 जुलाई को शिव ने फिर पेरोल पर आकर ₹10,000 एडवांस में दिया और हत्या का काम जल्द निपटाने को कहा।
7 जुलाई को योजना के तहत जयपाल सिदार को कोतबा जाने के बहाने बुलाया गया। तीनों आरोपी जयपाल के साथ उन्हीं की कार में रवाना हुए। जशपुर रोड पर कार में ही गमछे से गला घोंटकर जयपाल की हत्या कर दी गई। हत्या के बाद शव को छुपाकर आरोपी कई स्थानों पर घूमते रहे और फिर सिसरिंगा घाटी (थाना धरमजयगढ़ क्षेत्र) में शव को फेंक दिया। मोबाइल फोन को मैनपाट के जंगल में फेंका गया और कार का नंबर प्लेट हटाकर उसे पूंजीपथरा के पास लावारिस छोड़कर आरोपी फरार हो गए। गमछा जलाकर साक्ष्य मिटाने की भी कोशिश की गई। पुलिस ने त्वरित कार्रवाई करते हुए शव को बरामद किया, पोस्टमार्टम कराया और पहचान की पुष्टि होने के बाद मामला गंभीर हत्या में तब्दील किया गया। इस मामले में भारतीय न्याय संहिता (BNS) की धारा 103(1), 238, 61(2), 3(5) के तहत मामला पंजीबद्ध किया गया है। विवेचना थाना लैलूंगा में जारी है।
गिरफ्तार आरोपी
मदन गोपाल सिदार (19 वर्ष), निवासी – पाकरगांव, थाना लैलूंगा
शुभम गुप्ता उर्फ युगल किशोर (20 वर्ष), निवासी – पाकरगांव, थाना लैलूंगा
कमलेश यादव (19 वर्ष), निवासी – मथपहाड़, थाना बागबहार, जिला जशपुर
शिव साहू – मुख्य साजिशकर्ता, वर्तमान में जेल में निरुद्ध (थाना सरिया हत्या मामला)
पुलिस टीम की कार्यवाही
इस सुनियोजित हत्या की तह तक पहुंचने में पुलिस अधीक्षक दिव्यांग कुमार पटेल के कुशल मार्गदर्शन और टीम के समन्वित प्रयासों की अहम भूमिका रही।
अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक – श्री आकाश मरकाम
सीएसपी/साइबर सेल – श्री अनिल विश्वकर्मा
एसडीओपी धरमजयगढ़ – श्री सिद्धांत तिवारी
थाना प्रभारी लैलूंगा – श्री रोहित बंजारे
थाना प्रभारी धरमजयगढ़ – श्री सीताराम ध्रुव
साइबर सेल व स्टाफ – प्रधान आरक्षक राजेश पटेल, बृजलाल गुर्जर, दुर्गेश सिंह, रेणु मंडावी, प्रशांत पंडा, महेश पंडा, पुष्पेंद्र जाटवर, विक्रम सिंह, विकास प्रधान, रविंद्र गुप्ता, मेनका चौहान
अन्य सहयोगी – प्रधान आरक्षक सोमेश गोस्वामी (कापू), लक्ष्मी कैवर्त (रैरूमाखुर्द), नंद कुमार पैंकरा (लैलूंगा), जॉन टोप्पो (रैरूमाखुर्द), संतराम कैवर्त (लैलूंगा)
पुलिस ने इस दुर्लभ और सुनियोजित आपराधिक षड्यंत्र को बेनकाब कर एक बड़ी सफलता हासिल की है। इस प्रकरण ने आपराधिक सोच रखने वाले साजिशकर्ताओं और सुपारी किलिंग नेटवर्क की मौजूदगी की ओर इशारा किया है, जिसे तोड़ना अब पुलिस के लिए अगली चुनौती होगी।