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मनेंद्रगढ़। मनेन्द्रगढ़-चिरमिरी-भरतपुर (एमसीबी) जिले के खड़गवां विकासखंड के
बेलबहरा और फुनगा ग्राम पंचायत के ग्रामीण बच्चों को आज भी स्कूल जाने के लिए नदी पार करनी पड़ती है। नेवरी धार नदी पर अब तक पुल या पुलिया नहीं बन सकी है, जिससे हर दिन लगभग 20 से 25 छात्र-छात्राएं जान जोखिम में डालकर स्कूल आते-जाते हैं। यह समस्या वर्षों पुरानी है, लेकिन आज तक जिम्मेदारों ने बच्चों की इस परेशानी की सुध नहीं ली।
ग्राम पंचायत फुनगा में प्राथमिक से लेकर हाई स्कूल तक की शिक्षा की सुविधा है, जहां बेलबहरा और अन्य आस-पास के गांवों के बच्चे अध्ययन के लिए आते हैं। इन बच्चों को स्कूल आने-जाने के लिए नेवरी धार नदी पार करनी पड़ती है। गर्मियों और सामान्य मौसम में नदी का जलस्तर कम रहता है, जिससे बच्चे किसी तरह से पार कर लेते हैं, लेकिन जैसे ही बारिश का मौसम आता है, यह नदी खतरनाक रूप ले लेती है।
बरसात के दिनों में नेवरी धार नदी में जलप्रवाह तेज हो जाता है। कई बार बच्चे स्कूल पहुंच तो जाते हैं लेकिन बारिश के कारण नदी का जलस्तर अचानक बढ़ने से वापस नहीं लौट पाते और स्कूल में ही फंसे रह जाते हैं। उन्हें नदी की बाढ़ थमने का इंतजार करना पड़ता है। इस स्थिति में बच्चों की सुरक्षा पर बड़ा सवाल खड़ा होता है। कई बार तो उनके कपड़े, बैग और किताबें तक पानी में भीग जाती हैं, जिससे उन्हें मानसिक और शैक्षणिक दोनों तरह से परेशानी होती है।
छात्र-छात्राओं ने रखी अपनी बात
हाई स्कूल फुनगा की कक्षा 10वीं की छात्रा मनीषा ने बताया कि बारिश के दौरान जब नदी में पानी ज्यादा हो जाता है, तब वे स्कूल नहीं जा पाते और अगर स्कूल चले भी गए तो घर लौटना मुश्किल हो जाता है। उन्होंने कहा, "कई बार हमारा बैग और किताबें भीग जाती हैं। अगर पुल बन जाता तो हम रोजाना नियमित रूप से स्कूल जा पाते।"
वहीं कक्षा 10वीं की छात्रा पूजा ने बताया, “यह नेवरी धार नदी है, इसमें पुल नहीं है। बाढ़ के समय हम स्कूल नहीं जा पाते, और अगर स्कूल में हैं तो घर नहीं लौट पाते। हम सरकार से यही मांग करते हैं कि पुल जल्द से जल्द बनाया जाए ताकि हम बिना डर के स्कूल जा सकें और अच्छी पढ़ाई कर सकें।” कक्षा 12वीं के छात्र देव सिंह ने कहा, “बारिश में नदी में इतना पानी आ जाता है कि हम स्कूल नहीं जा पाते। कई बार हमारी ड्रेस, किताबें, बैग सब भीग जाते हैं। पुल बनने से हमारी बहुत बड़ी समस्या हल हो जाएगी और हम नियमित स्कूल जा सकेंगे।”
शिक्षकों ने भी जताई चिंता
माध्यमिक शाला फुनगा के शिक्षक अनिल कुमार ने भी बच्चों की इस समस्या पर चिंता जताई। उन्होंने कहा, “हमारे स्कूल में कक्षा 1 से लेकर 10वीं तक के बच्चे पढ़ते हैं। जब नदी में पानी बढ़ता है तो बच्चे स्कूल नहीं आ पाते। वर्तमान में खेतों में काम का सीजन भी चल रहा है, ऐसे में उपस्थिति और भी कम हो गई है। लेकिन बारिश के दिनों में बच्चों का नदी पार करना काफी जोखिम भरा हो जाता है।”
सिर्फ डेढ़ किलोमीटर की दूरी, लेकिन पुल की कमी से बना है जोखिम का सफर
बेलबहरा से फुनगा की दूरी मात्र डेढ़ किलोमीटर है। अगर नेवरी धार नदी पर एक मजबूत पुल बन जाए, तो न केवल स्कूली बच्चों को राहत मिलेगी, बल्कि दोनों गांवों के आपसी आवागमन और सामाजिक-आर्थिक गतिविधियों को भी गति मिलेगी। ग्रामीण लंबे समय से पुल निर्माण की मांग कर रहे हैं, लेकिन अब तक कोई ठोस पहल नहीं हो सकी है।
प्रशासन और जनप्रतिनिधियों से सवाल
अब सवाल यह उठता है कि आखिर बच्चों की सुरक्षा से जुड़ी इतनी गंभीर समस्या के बावजूद प्रशासन और जनप्रतिनिधियों ने अब तक इस ओर ध्यान क्यों नहीं दिया? हर साल बच्चों की जान जोखिम में डालकर स्कूल जाना एक सामान्य बात बन चुकी है। स्थानीय ग्रामीणों का कहना है कि यदि कोई बड़ा हादसा हो गया, तब शायद जिम्मेदार जागेंगे, लेकिन तब तक बहुत देर हो चुकी होगी।