बलरामपुर-रामानुजगंज। जिले के रक्षित आरक्षी केंद्र बलरामपुर में आज दिनांक 03 अगस्त 2025, रविवार को पुलिस विभाग के शासकीय वाहन चालकों हेतु एक दिवसीय प्रशिक्षण / कार्यशाला का आयोजन किया गया। यह प्रशिक्षण कार्यक्रम पुलिस अधीक्षक वैभव बेंकर (भा.पु.से.) के निर्देशन और अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक विश्व दीपक त्रिपाठी के मार्गदर्शन में आयोजित किया गया। कार्यशाला का उद्देश्य विभाग के मोटर ट्रांसपोर्ट (एमटी) इकाई के चालकों को वाहनों के सुरक्षित, कुशल और अनुशासित संचालन से संबंधित आवश्यक पहलुओं की जानकारी देना था। इस प्रशिक्षण में कुल 25 शासकीय वाहन चालक सम्मिलित हुए, जिन्हें विभिन्न तकनीकी व व्यवहारिक बिंदुओं पर प्रशिक्षण प्रदान किया गया।
प्रशिक्षण में दिए गए मुख्य निर्देश व विषयवस्तु:
ड्राइविंग लाइसेंस की वैधता और अद्यतन जानकारी रखना
चालकों को समझाया गया कि वे समय-समय पर अपने ड्राइविंग लाइसेंस की वैधता की जांच करें और नवीनीकरण समय पर करवाएं।
स्वास्थ्य परीक्षण
यह सुनिश्चित किया गया कि चालक शारीरिक और मानसिक रूप से फिट हों। समय-समय पर चिकित्सकीय जांच अनिवार्य है ताकि वाहन संचालन के दौरान कोई स्वास्थ्य समस्या न हो।
ड्राइवर डायरी का संधारण
प्रत्येक चालक को नियमित रूप से अपने कार्य का लेखा-जोखा डायरी में दर्ज करने के निर्देश दिए गए, जिससे पारदर्शिता और जवाबदेही बनी रहे।
वाहनों की साफ-सफाई एवं रखरखाव
वाहनों को स्वच्छ, सुव्यवस्थित और तकनीकी रूप से दुरुस्त बनाए रखना आवश्यक बताया गया। इसके तहत समय-समय पर सर्विसिंग, ऑयल चेंज, ब्रेक चेक, टायर प्रेशर आदि की जांच की आवश्यकता पर बल दिया गया।
समय पर मरम्मत कार्य
किसी भी तकनीकी समस्या की उपेक्षा न करते हुए तत्काल उचित रिपेयरिंग कराना आवश्यक है ताकि दुर्घटना की संभावना कम हो।
अनुशासन व आचरण
चालकों से अपेक्षा की गई कि वे विभागीय गरिमा के अनुरूप अनुशासित व्यवहार करें, वर्दी में रहें और समय का पालन करें।
वाहन संचालन में सावधानी
चालकों को यातायात नियमों का पालन करते हुए संयमित गति से वाहन चलाने, सार्वजनिक सुरक्षा का ध्यान रखने और इमरजेंसी परिस्थितियों में त्वरित निर्णय लेने की जानकारी दी गई।
प्रशिक्षणदाता अधिकारियों की भूमिका
कार्यशाला में रक्षित निरीक्षक विमलेश कुमार देवांगन एवं उप निरीक्षक (एम.टी.) संतोष प्रसाद ने वाहन संचालन के तकनीकी पहलुओं, ईंधन की बचत, ब्रेकिंग सिस्टम, क्लच संचालन, रूटीन चेकअप आदि पर विस्तारपूर्वक जानकारी दी। उन्होंने प्रशिक्षणार्थियों के साथ संवादात्मक सत्र में उनकी शंकाओं का समाधान भी किया। इस सफल कार्यशाला के माध्यम से पुलिस विभाग की मोटर वाहन इकाई में कार्यरत चालकों को न केवल वाहन चलाने की जिम्मेदारी को समझने का अवसर मिला।
बल्कि उन्हें यह भी महसूस कराया गया कि उनकी भूमिका भी विभाग की कार्यक्षमता, छवि और सुरक्षा व्यवस्था के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है। इस कार्यशाला से विभागीय कार्यप्रणाली को और अधिक कुशल, सुरक्षित और व्यवस्थित बनाने की दिशा में एक मजबूत कदम माना जा रहा है। पुलिस अधीक्षक कार्यालय की ओर से आगे भी इस तरह के प्रशिक्षण कार्यक्रम नियमित रूप से आयोजित किए जाने की योजना है ताकि विभागीय संसाधनों का अधिकतम व सुरक्षित उपयोग सुनिश्चित किया जा सके।